यूपी की योगी सरकार ने अन्नदाता किसान की कृषि लागत कम करने के उपायों को विस्तार दिया है. सरकार ने लघु एवं सीमांत किसानों को राहत देते हुए लघु सिंचाई विभाग के तहत हर खेत को पानी देने के की योजना के नियमों में संशोधन करने का फैसला किया है. इसका मकसद नलकूप बनवाने के लिए किसानों को मिलने वाली सरकारी सब्सिडी में इजाफा करना है. सरकार ने इस योजना से जुड़े पुराने आदेश में कई संशोधन कर किसानों को मिलने वाली सब्सिडी में बढ़ोतरी की है. जिसके बाद अब किसानों को सब्सिडी के तौर पर एक लाख से 1.65 लाख रुपये अधिक मिलेंगे. |
योजना के दो घटक में बढ़ाई गई सब्सिडी
यूपी में मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के क्रियान्वयन के तहत योगी सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के घटक ‘हर खेत को पानी’ अभियान से जुड़े अनुदान संबंधी नियमों में बदलाव किया है. ये बदलाव मध्यम एवं अधिक गहरे नलकूप के निर्माण पर मिलने वाली सब्सिडी के नियमों में किया गया है. इसके फलस्वरूप अब मध्यम गहरे नलकूपों में बोरिंग कराने पर योगी सरकार लघु एवं सीमांत किसानों को 1.75 लाख रुपये की सब्सिडी देगी. अब तक यह राशि महज 75 हजार रुपये थी.
इस अभियान के दूसरे घटक में गहरे नलकूपों पर बोरिंग कराने में मिलने वाले अनुदान की राशि 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.65 लाख रुपये कर दी गई है. गौरतलब है कि योगी सरकार ने रबी की फसलों की कटाई के बाद गर्मी के मौसम में खेत पर तालाब, कुंआ और नलकूप आदि सिंचाई के साधन जुटाने के काम शुरू होने से पहले यह फैसला किया है. जिससे किसान समय से इसका लाभ उठा सकें.
अन्य सब्सिडी भी बढ़ी
योगी सरकार द्वारा नियमों में किए गए संशोधन के अनुसार नलकूप के अलावा अन्य सिंचाई सुविधाओं में भी मिलने वाली सब्सिडी में बदलाव किया गया है. इसके तहत मध्यम गहराई के नलकूप लगवाने वाले किसानों को जल वितरण प्रणाली के लिए पहले 10 हजार रुपये दिये जाते थे, अब यह राशि बढ़ाकर 14 हजार रुपये कर दी गई है. हालांकि नलकूपों पर अलग से बिजली का कनेक्शन लेने पर दी जाने वाली राशि अब भी 68 हजार रुपये ही रहेगी.
संशोधित नियमों के अनुसार सामान्य श्रेणी के किसानों को नलकूप लगाने के लिए अब 2.57 लाख रुपये मिलेंगे. इससे पहले यह राशि 1.53 लाख रुपये थी. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों काे नलकूपों पर अनिवार्य रूप से 5 हॉर्स पावर के सौर ऊर्जा चालित पंप लगाने पर अब 3.85 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा. अनुसूचित जाति के किसानों को नलकूपों पर अधिकतम 5.74 लाख रुपये की सब्सिडी प्राप्त होगी. पहले यह राशि 4.70 लाख रुपये रुपये थी.
गहरे नलकूपों पर अब मिलेगी इतनी सब्सिडी
गहरे नलकूप लगवाने वाले लघु एवं सीमांत किसानों को जल वितरण प्रणाली के लिए अब 14 हजार रुपये मिलेंगे. पहले यह राशि 10 हजार रुपये थी. सामान्य श्रेणी के नलकूपों पर मिलने वाला अनुदान अब 3.47 लाख रुपये हो गया है. पहले यह राशि 1.78 लाख रुपये थी. इस श्रेणी में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों के नलकूपों पर 5 हॉर्स पावर के सोलर पंप लगाए जाएंगे. इस पर 3.85 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी.
अनुसूचित जाति के किसानों के नलकूपों पर अधिकतम 6.64 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी. यह राशि पहले 4.95 लाख रुपये थी. सोलर पंप की खरीदारी यूपीनेडा और इससे पंजीकृत वेंडरों एवं जेम पोर्टल के जरिए की जाएगी. इस योजना में महिला किसानों के चयन को वरियता भी दी जाएगी.
नलकूप की लगवाने पर कितनी मिलेगी सब्सिडी
बिहार सरकार की ओर से सूक्ष्म सिंचाई को अपनाने वाले किसानों को अपने खेत में नलकूप (tubewell) लगवाने के लिए सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाएगा। इस योजना के तहत किसानों को नलकूप यानि ट्यूबवैल के लिए लागत का 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा। इस तरह किसान मात्र 20 प्रतिशत राशि खर्च करके अपने खेत में नलकूप लगवा सकते हैं। यदि किसान चाहे तो समूह में भी इसका लाभ ले सकते हैं। समूह में लाभ लेने के लिए कम से कम पांच किसानों का एक साथ शामिल होना जरूरी है और इनके पास कम से कम ढाई हैक्टेयर खेती योग्य भूमि होनी चाहिए। इस योजना का लाभ केवल ड्रिप सिंचाई अपनाने वाले किसान ही उठा सकते हैं।
कैसे मिलेगा सामुदायिक नलकूप योजना का लाभ
बिहार में दो प्रकार की सामुदायिक नलकूप योजनाएं संचालित हैं। इसमें 8 किसानों वाले समूह के पास कम से कम 12 एकड़ भूमि होना आवश्यक है। वहीं 5 किसानों के समूह के पास कम से कम 6 एकड़ भूमि होनी चाहिए। इसके लिए किसानों को विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद किसानों की जमीन का सर्वे होगा। समूह में शामिल किसी भी किसान के पास 50 डिसमिल से कम भूमि नहीं होनी चाहिए। वहीं अधिकतम भूमि ढाई एकड़ से अधिक नहीं होनी चाहिए।
नलकूप लगवाने के लिए क्या है नियम और शर्तें
बिहार सरकार की ओर से सूक्ष्म सिंचाई के अंतर्गत नलकूप लगवाने के लिए कुछ नियम और शर्तें भी निर्धारित की गई हैं, जो इस प्रकार से हैं
- लघु एवं सीमांत वर्ग के सभी किसानों को सामूहिक नलकूप में आवेदन करने के लिए डीबीटी (DBT) में पंजीकृत एवं एमआई (MI) में आवेदित होना अनिवार्य है।
- सूक्ष्म सिंचाई जिसमें ड्रिप अथवा मिनी स्प्रिंकलर में आवेदित किसान का कार्यादेश निर्गत होने के बाद ही किसान अपने अंश की राशि बीएचडीएस (BHDS) के बैंक खाता में जमा करना होगा। इसके बाद उन्हें सामूहिक नलकूप योजना के तहत आवेदन करना होगा।
- सामुदायिक नलकूप योजना के तहत 20 प्रतिशत किसान अंश की राशि आवेदक को बीएचडीएस (BHDS) के बैंक खाते में जमा कराना जरूरी होगा।
- सामूहिक नलकूप योजना का लाभ लेने वाले समूह के सभी किसानों के पास कम से कम 0.5 एकड़ का रकबा होना जरूरी है।
- सभी किसानों के पास जमीन के साक्ष्य हेतु एलपीसी (LPC) अथवा ऑनलाइन या ऑफलाइन जमीन का रसीद संलग्न करना आवश्यक होगा।
- सामूहिक नलकूप अधिष्ठापन स्थल पर विद्युत स्त्रोत का होना अनिवार्य होगा।
- बिजली बिल का भुगतान समूह द्वारा स्वयं किया जाएगा।
- सामूहिक नलकूप का लाभ लेने वाले समूह को कम से कम 7 वर्षों तक सूक्ष्म सिंचाई का उपयोग करना जरूरी होगा।
- नियमानुसार अनुदान का भुगतान संबंधित कंपनी अथवा किसान के बैंक खाते में किया जाएगा।
सामुदायिक नलकूप योजना में आवेदन के लिए किन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता
बिहार सामुदायिक नलकूप योजना के तहत आपको अपने खेत में नलकूप लगवाने के लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए आपको कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं
- आवेदन करने वाले किसान का आधार कार्ड
- आवेदन करने वाले किसान का पहचान-पत्र
- आवेदक किसान का निवास प्रमाण-पत्र
- आवेदन द्वारा शपथ-पत्र
- किसान का पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक खाता विवरण हेतु बैंक पासबुक की कॉपी
- कृषि योग्य भूमि के कागजात
- भू- स्वामित्व प्रमाण-पत्र अथवा अपडेट रसीद
- समूह के प्रत्येक किसान को उपरोक्त दस्तावेज फॉर्म के साथ अटैच करने होंगे।
नलकूप योजना क्या है?
मध्यम गहरे नलकूप पर बोरिंग के लिए किसानों को बोरिंग के लिए 1.75 लाख रुपए अनुदान दिया जाएगा। वहीं सामान्य श्रेणी के किसानों को नलकूपों पर बोरिंग के लिए अब 2.57 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
एक नलकूप की औसत उपज कितनी होती है?
एक ट्यूबवेल से औसत उपज 40 से 50 लीटर/सेकेंड के बीच होती है
कुएं और नलकूप किसके लिए उपयोग किए जाते हैं?
विवरण। पानी की कमी और सूखे के दौरान घरेलू जल आपूर्ति प्रदान करने के लिए बोरहोल और ट्यूबवेल महत्वपूर्ण अनुकूलन प्रौद्योगिकी उपाय हैं। वे उपसतह या गहरे भूजल जलभृतों से ताज़ा पानी निकालते हैं।
नलकूप कितने प्रकार के होते हैं?
निम्नलिखित तीन महत्वपूर्ण प्रकार के ट्यूबवेलों के बारे में जानने के लिए इस लेख को पढ़ें, यानी, (1) स्ट्रेनर टाइप ट्यूबवेल, (2) कैविटी टाइप ट्यूबवेल, और (3) स्लॉटेड टाइप ट्यूबवेल।
नलकूप द्वारा अत्यधिक सिंचाई के क्या?
सिंचाई क्षेत्र बढ़ने के साथ-साथ जल का उपयोग भी बढ़ा है। इसलिये भूगर्भ में उसका स्तर घटा है। गर्मी आते ही जमीन में पानी का स्तर घटने से बहुत सारे कुएँ और तालाब सूख जाते हैं और नलकूप बेकार हो जाते हैं। वर्षा कम हुई तो संकट बढ़ जाता है।